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Global Kayastha Conference Presentation on the occasion of Rakshabandhan Bandhan Sneh Ka

Global Kayastha Conference Presentation on the occasion of Rakshabandhan Bandhan Sneh Ka

रक्षाबंधन के अवसर पर ग्लोबल कायस्थ कॉन्फ्रेंस की प्रस्तुति ‘बंधन स्नेह का’

नयी दिल्ली, 22 अगस्त ग्लोबल कायस्थ कॉन्फ्रेंस (जीकेसी) कला संस्कृति प्रकोष्ठ के सौजन्य से भाई- बहन के अटूट स्नेह को प्रदर्शित करने वाले त्योहार रक्षाबंधन के अवसर पर वर्चुअल कार्यक्रम ‘बंधन स्नेह का’ का आयोजन किया गया, जिसमें देशभर के लोगों ने सहभागिता की एवं एक से बढ़कर एक प्रस्तुति देकर लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया।

जीकेसी कला-संस्कृति प्रकोष्ठ के वरिष्ठ राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और कार्यक्रम के संयोजक प्रेम कुमार ने बताया कि बंधन स्नेह का कार्यक्रम में बिहार, महाराष्ट्र, झारखंड,छत्तीसगढ़, राजस्थान, आसाम, कर्नाटक और मध्यप्रदेश समेत देश भर के कई लोगों ने शानदार प्रस्तुति दी। उन्होंने बताया कि कार्यक्रम को जीकेसी कला- संस्कृति प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय महासचिव पवन सक्सेना और राष्ट्रीय सचिव श्रीमती शिवानी गौड़ ने होस्ट किया।

कार्यक्रम के सफल संचालन में डिजिटल-तकनीकी प्रकोष्ठ के ग्लोबल अध्यक्ष आनंद सिन्हा,डिजिटल- तकनीकी प्रकोष्ठ के ग्लोबल महासचिव सौरभ श्रीवास्तव ने महत्वपूर्ण भूमिका निभायी। उन्होंने कहा कि रक्षाबंधन का पर्व भाई-बहन के बीच प्यार, स्नेह और परस्पर विश्वास का प्रतीक है। भाई बहन के पावन रिश्तों के पर्व को रक्षा बंधन का त्यौहार माना जाता है।

जीकेसी के ग्लोबल अध्यक्ष राजीव रंजन प्रसाद ने कहा कि रक्षा बंधन का पर्व भारतीय संस्कृ्ति और परंपरा का महत्वपूर्ण हिस्सा है। पौराणिक काल से लेकर आधुनिक काल तक विभिन्न अवसरों पर रक्षा बंधन का त्यौहार मनाए जाने तथा इसके महत्व का उल्लेख मिलता है। रक्षा बंधन का त्योहार भाई-बहनों के बीच प्यार और सम्मान के बंधन का जश्न मनाता है और उनका सम्मान करता है।

जीकेसी की प्रबंध न्यासी श्रीमती रागिनी रंजन ने कहा कि रक्षाबंधन का त्यौहार भाई-बहन के पवित्र और प्रगाढ़ प्रेम का प्रतीक है। यह सभी धर्मों का, सभी वर्गों का साझा त्यौहार है।

जीकेसी कला-संस्कृति प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय अध्यक्ष देव कुमार लाल ने कहा कि यह त्यौहार परिवार एवं समाज में आपसी भाई-चारे को सुदृढ़ करता है। प्रदेश एवं देश में शांति, सौहार्द एवं आपसी भाई-चारे को बढ़ाने की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण त्यौहार है।

आनंद कुमार सिन्हा ने कहा कि भारतीय संस्कति में रक्षा बंधन के त्योहार को बेहद खास माना जाता है। यह पर्व भाई और बहन के पवित्र और अटूट रिश्ते का प्रतीक है।भाई-बहन के अटूट बंधन, प्यार, विश्वास, त्याग और समर्पण का प्रतीक एव पावन पर्व रक्षा बंधन के अवसर पर सभी को बहुत-बहुत बधाई और हार्दिक शुभकामनाएं।

पवन सक्सेना ने कहा, राखी का यह पर्व भारतीय संस्कृति में पारिवारिक मूल्यों और सामाजिक सम्बंधों की प्रगाढ़ता के महत्त्व को रेखांकित करता है। उन्होंने कहा, न मांगे वो धन और दौलत, न मांगे उपहार! चाहत बहन की बस इतनी कि बना रहे प्यार!

शिवानी गौड़ ने कहा, मेरी नजर में रक्षाबंधन सिर्फ एक धागे का सूत्र नहीं है, यह एक विश्वास है, एक आस्था है जो हर बहन की अपने भाई के लिए होती है कि वह हर मुसीबत में अपनी बहन की रक्षा करेगा और भाई भी इस बात को पूरी तरह से निभाता है। मैं इस रक्षाबंधन पर ईश्वर से प्रार्थना करती हूं कि वह हर भाई को स्वस्थ सकुशल और खुश रखे।

 

कार्यक्रम के दौरान सुभाषिणी स्वरूप, शीला गौड़़, आलोक अवरिल, रूचिता सिन्हा, मृणालिनी अखौरी, अनुराग सक्सेना, गीता कुमारी, रवि शेखर सिन्हा, रजत नाथ, अपूर्वा सक्सेना, स्वेच्छा वर्मा, कुंदन तिवारी, रूपाली गांगुली,  नूतन सिन्हा,तन्वी माथुर, और रश्मि सिन्हा ने एक से बढ़कर एक प्रस्तुति से लोगों को मंत्रमुग्ध  कर दिया। कार्यक्रम के अंत में धन्यवाद ज्ञापन श्रीमती रागिनी रंजन ने दिया।

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